श्री जे.पी. नड्डा केरल गये, राहत और बचाव उपायों की समीक्षा की
हम राज्य को सभी समर्थन और सहायता दे रहे हैं : जे.पी. नड्डा
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने आज केरल में राहत और बचाव कार्यो की समीक्षा की। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ स्वास्थ्य सचिव श्रीमती प्रीति सूदन तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य अधिकारी थे। श्री नड़डा ने केरल की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती के.के. शैलजा तथा राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। श्री नड़्डा ने दुर्भाग्य से लोगों के मरने पर दुख व्यक्त किया और बाढ़ के कारण जानमाल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की। श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में केरल में बाढ़ राहत के लिए सभी संभव उपाय किये जा रहे हैं और प्रधानमंत्री स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। श्री नड्डा ने कहा कि केरल में बाढ़ के कारण उत्पन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य की स्थिति की निरंतर निगरानी की जा रही है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री चालापुड़ी तालुका अस्पताल भी गये और वहां मरीजों से बातचीत की। इसके बाद श्री नड्डा वी.आर.पुरम तथा मुलासेरी के राहत शिविरों में गये और राज्य को सभी समर्थन और सहयोग देने का आश्वासन दिया।
स्थिति से निपटने के लिए अल्प सूचना पर प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए 50 मेडिकल डॉक्टर तैयार रखे गये हैं। जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ, माइक्रोबायोलॉजिस्ट तथा इन्टोमोलॉजिस्ट वाले 12 जन स्वास्थ्य दल तैयार हैं। तत्काल वितरण के लिए 48 आवश्यक आपात दवायें तैयार रखी गई है।
राज्य सरकार के अनुरोध पर 48 आवश्यक आपात दवाओं की पहली खेप भारतीय वायु सेना द्वारा पहुंचाई गई। इस खेप में लगभग 73 एमटी दवाइयां हैं। इनमें एक करोड़ क्लोरिन टैबलेट्स हैं और इसके अतिरिक्त 1.25 करोड़ क्लोरिन टैबलेट (कुल 2.25 करोड़) हैं। राज्य को 20 एमटी ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध कराया गया है और 60 एमटी और ब्लीचिंग पाउडर (कुल 80 एमटी) प्रदान किया गया है। राज्य से 4 लाख सेनेटरी नैपकिन्स सप्लाई का अनुरोध किया गया, जिसे त्रिवेन्द्रम में प्रदान किया गया। कीटनाशक, मच्छर नाशक और फोगिंग मशीनें राज्य को प्रदान की गई। बाद में 40 और फोगिंग मशीनें दी गई।
आपात परिस्थितियों के नियमों को लचीला बनाया गया और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के माध्यम से उनके अनुरोध पर 18.71 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान करने की स्वीकृति दी गई। आगे के अनुरोध पर गैर-संक्रमणकारी बीमारियों में काम आने वाली दवाओं सहित 48 आवश्यक दवायें राज्य को प्रदान की गई। अधिकतर दवायें 120 एमटी खेप में भेजी गई। लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी बढ़ने के कारण केरल को डॉक्सीसाइक्लीन के 18,00,000 कैप्सूल दिये गये हैं, जो प्रोफिलेक्सिस तथा लेप्टोस्पायरोसिस के इलाज में काम आते है।
त्वरित मनोवैज्ञानिक-सामाजिक मूल्यांकन तथा समुदाय आधारित मनोवैज्ञानिक-सामाजिक देखभाल के लिए नीमहान्स की ओर से 40 सदस्यों की मनोवैज्ञानिक-सामाजिक टीमें तैनात की गई हैं। इन टीमों ने समुदाय आधारित मनोवैज्ञानिक-सामाजिक देखभाल के लिए 5353 स्वयंसेवियों को संवेदी बनाया हैं, आपदा में बचने वाले 65,155 लोगों को मनोवैज्ञानिक-सामाजिक प्रथम सहायता के जरिये समर्थन दिया गया है। 17,140 व्यक्तिगत सत्र चलाये गये और 2,335 ग्रुप सैशन चलाये गये। मनोरोग देखभाल/मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए 396 मामले रेफर किये गये।
बाढ़ प्रभावित जिलों में चिकित्सा सेवा के लिए 30 विशेषज्ञ डॉक्टर, 20 जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर तथा 40 मलयालम भाषी नर्सें तैनात की गई हैं। ये डॉक्टर पलक्कड़, मल्लापुरम, कोझिकोड़ तथा एर्नाकुलम जिले के जिला अस्पतालों/तालुका अस्पतालों में चिकित्सा सेवा दे रहे हैं।
इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) और इसकी राज्य शाखाएं भी राज्य को सहायता दे रही है। खोज और बचाव कार्यों में आईआरसीएस के 5,000 स्वयंसेवियों ने भाग लिया। उन्होंने 300 टेंट, 2,500 तारपोलीन तथा 3,000 साडि़यां, 3,500 कंबल, 4,000 चादरों जैसी उपयोगी सामानों की सप्लाई की है। इसमें तीन जलशोधन इकाइयां (क्षमता 700 लीटर/घंटा) शामिल हैं।
राष्ट्रीय बीमारी नियंत्रण केन्द्र स्थिति की निगरानी कर रहा है। 21 अगस्त, 2018 से महामारी जनित बीमारियों के लिए इवेंट आधारित दैनिक रिपोर्टिंग हो रही है। रणनीतिक संचालन केन्द्र को सक्रिय किया गया है।
ईएमआर प्रभाग लेप्टोस्पायरोसिस, डेंगू, चिकनपॉक्स तथा डायरिया की गंभीर बीमारी के दैनिक आधार पर बढ़ने के कारण स्थिति पर नजर रखे हुए है।